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फूलों का उत्पादन

बारह महीने उपलब्ध रहने वाले इस फूल की खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे किसान

बारह महीने उपलब्ध रहने वाले इस फूल की खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे किसान

उत्तर प्रदेश राज्य के जनपद मिर्जापुर में भदोही निवासी किसान नजम अंसारी गुलाब और जरबेरा के फूलों का उत्पादन करके अच्छा खासा लाभ उठा रहा है। जरबेरा के फूलों मांग अधिकांश बड़े शहरों में होती है और किसान इसके फूलों की आपूर्ति भी करता है। किसान इन फूलों की खेती पाली हाउस की सहायता से तैयार करता है। इन फूलों के उत्पादन से बहुत सारे जरूरतमंदों को रोजगार का अवसर प्राप्त होता है। जरबेरा एवं गुलाब के फूलों की विशेष बात यह है कि इनका प्रयोग खुशनुमा समारोह में अधिकतर होता है जैसे जन्मोत्सव, विवाह समारोह एवं अतिथि गृह को सजाने इत्यादि। इस वजह से कई सारे किसान फूल की खेती की तरफ अपना रुख कर रहे हैं।

नजीम अंसारी कितनी भूमि में कर रहे हैं, जरबेरा की खेती

बतादें कि उत्तर प्रदेश राज्य के जनपद मिर्जापुर में भदोही निवासी किसान नजम अंसारी ने तकरीबन ३ बीघे भूमि पर गुलाब एवं जरबेरा के पुष्पों का उत्पादन किया है। जरबेरा एवं गुलाब के फूलों का उत्पादन करने हेतु पाली हाउस तकनीक की सहायता ली जा रही है। फूलों के उत्पादन के लिए १५ से २० लोग कार्यरत हैं। जरबेरा के फूलों की आपूर्ति प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर लखनऊ समेत और भी बहुत सारे जिलों की जाती है। यदि इनकी कीमत की बात की जाये तो जरबेरा का एक फूल ८ से १० रूपये में बिकता है। समारोह कार्यक्रमों के दौरान इसकी मांग के साथ साथ इसकी कीमत में भी बढ़ोत्तरी हो जाती है।


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प्रत्येक फूल अपने आप में मूल्यवान होता है, जरबेरा फूल की खेती भी किसानों को धनवान बनाने में सक्षम है। जरबेरा के फूलों को पाली हाउस में निर्धारित तापमान में ही रखा जाता है। भदोही किसान नजम अंसारी का कहना है, कि जरबेरा फूलों का उत्पादन उन्होंने कुछ वर्ष पूर्व ही की थी, परंतु अब इसकी सहायता से बेहद अच्छा खासा लाभ अर्जित कर रहे हैं। इन फूलों के उत्पादन में पाली हाउस एक अहम भूमिका निभाते हैं, क्योंकि पालीहाउस में २० से २५ डिग्री सेल्सियस तापमान स्थिरता रखने में मदद करता है, जो कि इन फूलों के बेहतर उत्पादन में बेहद सहायक साबित होता है। हालाँकि, ठंड के समय इसके उत्पादन में घटोत्तरी होती है।

जरबेरा का फूल कितने दिन तक ज्यों का त्यों रह सकता है

जरबेरा एक बहुत ही सुंदर और आकर्षक पुष्प है, इसकी रंग बिरंगी पंखुड़ियों को निहारने से बेहद आन्तरिक सुकून और चैन मिलता है। इसी वजह से जरबेरा के पुष्पों का इस्तेमाल कार्यालयों, भोजनालयों, विश्रामालयों, गुलदस्ते बनाने एवं वैवाहिक समारोहों में सजावट हेतु इत्यादि में इस्तेमाल होता है। यह सफेद, गुलाबी, लाल पीला, नारंगी एवं और भी रंगों वाला जरबेरा वर्ष के १२ माह उपलब्ध होता है। बतादें कि जरबेरा के फूल से आयुर्वेदिक औषधियां भी निर्मित होती हैं। जरबेरा पुष्प की एक विशेषता यह भी है, कि पानी के बोतल में इसे रखने पर यह दो सप्ताह तक से भी ज्यादा ज्यों का त्यों रह सकता है।
किसान जुलाई-अगस्त में इन फूलों की पैदावार कर अच्छा मुनाफा उठा सकते हैं

किसान जुलाई-अगस्त में इन फूलों की पैदावार कर अच्छा मुनाफा उठा सकते हैं

बतादें कि चंपा का पौधा आप किसी भी मौसम में लगा सकते हैं। परंतु, बरसात में इसके पौधों का विकास काफी अच्छा होता है। इसकी बुवाई करने के 5 वर्ष उपरांत पौधों पर फूल आने शुरू हो जाते हैं। लोगों का मानना है, कि बरसात में किसान खरीफ फसलों में केवल धान की ही खेती करते हैं। परंतु, इस तरह की कोई बात नहीं है। मानसून के समय किसान भाई बाजरा, मक्का और साग- सब्जियों की भी खेती करते हैं। इससे किसानों को धान की तुलना में अच्छी-खासी आमदनी होती है। परंतु, आज हम किसानों को बताएंगे, कि वह बरसात के मौसम में फूलों का भी उत्पादन कर सकते हैं। फूलों की विभिन्न ऐसी प्रजातियां हैं, जिसकी रोपाई जुलाई-अगस्त के माह में की जा सकती है।

किसान जुलाई अगस्त में करें फूलों की बागवानी

धान-गेंहू की भांति फूलों को भी सिंचाई की आवश्यकता होती है। अगर आप जुलाई- अगस्त महीने में फूलों की बागवानी करते हैं, तो पौधों को समुचित मात्रा में जल मिल जाता है। इससे फूलों के पौधों का अच्छा विकास होता है। साथ ही, उत्पादन भी बेहतरीन होता है। यदि आप चाहें, तो बरसात में घर के अंदर गमले के अंदर भी फूल लगा सकते हैं। ये भी देखें: ऐसे करें रजनीगंधा और आर्किड फूलों की खेती, बदल जाएगी किसानों की किस्मत

गुड़हल के फूल

किसान भाई बरसात के मौसम में गुड़हल के फूल भी उगा सकते हैं। यह फूल बरसात होने पर खूब खिलता है। इस फूल का सर्वाधिक इस्तेमाल पूजा में किया जाता है। विशेष कर देवी माता की पूजा गुड़हल के फूल से ही की जाती है। इसके अतिरिक्त गुड़हल के फूल का उपयोग ज्योतिस शास्त्र एवं तंत्र विद्या की साधना करने में भी किया जाता है।

कनेर के फूल

कनेर के फूल का उत्पादन बरसात के दौरान बढ़ जाता है। ऐसा कहा जाता है, कि शिवलिंग पर कनेर के फूल चढ़ाने से शंकर भगवान अत्यधिक खुश होते हैं।हालांकि, कनेर के फूल का इस्तेमाल देवी- देवताओं की पूजा करने के लिए भी किया जाता है। साथ ही ऐसी मान्यताएं हैं, कि घर के अंदर कनेर का पौधा लगाने से समस्त समस्याएं दूर भाग जाती हैं। इस वजह से आप घर में कनेर के पौधे लगा सकते हैं। ये भी देखें: जानिए बारिश के दिनों में उगाए जाने वाले इन 10 फूलों के बारे में

चंपा के फूल

दरअसल, चंपा का पौधा आप किसी भी मौसम में उगा सकते हैं। परंतु, बरसात में चंपा का पौधा लगाने पर पौधों का विकास अच्छा होता है। इसकी रोपाई करने के 5 साल पश्चात पौधों पर फूल आने शुरू हो जाते हैं। बाजार में चंपा का फूल काफी ज्यादा महंगा बिकता है। इससे बहुत सारी आयुर्वेदिक औषधियां निर्मित की जाती हैं। चंपा का रस आंखों में डालने से बहुत सारी बीमारियां और रोग खत्म हो जाते हैं।